Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2022 · 1 min read

ज़िंदगी मयस्सर ना हुई खुश रहने की।

ज़िंदगी मयस्सर ना हुई खुश रहने की।
बातों से क्या हुआ है बातें होती है कहने की।।1।।

वफा हम अपनी साबित ना कर सके।
देखो यूं सजा मिली हैं हम को चुप रहने की।।2।।

हालात ही ऐसे थे कुछ हाथ में ना था।
हिम्मत ही ना हुई तुमको जाने से रोकने की।।3।।

शफक्कत भरा हाथ क्या आया सर पे।
मां की मोहब्बत सभी पर भारी पड़ने लगी।।4।।

जब थे पास तो कुछ महसूस ना हुआ।
तुम क्या गए तुम्हारी कमी हमें खलने लगी।।5।।

आज आए हो जो मुद्दातों के बाद तुम।
दिल के सहरा में इश्क ए बारिश होने लगी।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 256 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2367.पूर्णिका
2367.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बोलते हैं जैसे सारी सृष्टि भगवान चलाते हैं ना वैसे एक पूरा प
बोलते हैं जैसे सारी सृष्टि भगवान चलाते हैं ना वैसे एक पूरा प
Vandna thakur
*कोई नई ना बात है*
*कोई नई ना बात है*
Dushyant Kumar
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
- दीवारों के कान -
- दीवारों के कान -
bharat gehlot
करता नहीं यह शौक तो,बर्बाद मैं नहीं होता
करता नहीं यह शौक तो,बर्बाद मैं नहीं होता
gurudeenverma198
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
SPK Sachin Lodhi
दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया ।
दिल का दर्द आँख तक आते-आते नीर हो गया ।
Arvind trivedi
!! ईश्वर का धन्यवाद करो !!
!! ईश्वर का धन्यवाद करो !!
Akash Yadav
*अनुशासन के पर्याय अध्यापक श्री लाल सिंह जी : शत शत नमन*
*अनुशासन के पर्याय अध्यापक श्री लाल सिंह जी : शत शत नमन*
Ravi Prakash
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
फिर से आयेंगे
फिर से आयेंगे
प्रेमदास वसु सुरेखा
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
* बताएं किस तरह तुमको *
* बताएं किस तरह तुमको *
surenderpal vaidya
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
Dr. Man Mohan Krishna
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
जब मुझसे मिलने आना तुम
जब मुझसे मिलने आना तुम
Shweta Soni
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
💐प्रेम कौतुक-411💐
💐प्रेम कौतुक-411💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"तुम इंसान हो"
Dr. Kishan tandon kranti
तारीफ क्या करूं,तुम्हारे शबाब की
तारीफ क्या करूं,तुम्हारे शबाब की
Ram Krishan Rastogi
एहसास
एहसास
Kanchan Khanna
Loading...