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5 Aug 2022 · 1 min read

ज़ब्त क्यों मेरा आज़माते हो

ज़ब्त क्यों मेरा आज़माते हो ।
लौट आओ कि याद आते हो ।।
फ़ासला तुमसे करके देखा है ।
आके यादों में मुस्कुराते हो ।।
लौट आओ कि याद आते हो ।
तुमको एहसास क्या नहीं होता ।
इतना मुझको जो तुम रूलाते हो ।।
दुश्मनी से ये शाद कम तो नहीं ।
दिल का रिश्ता जो तुम निभाते हो ।।
ज़ब्त क्यों मेरा आज़माते हो ।
लौट आओ कि याद आते हो ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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