जहाँ में इश्क़ का चर्चा हुआ है
जहाँ में इश्क़ का चर्चा हुआ है
कभी ग़र इश्क़ पर पहरा हुआ है
तपन इसमें हुई है आज फिर से
मेरा दिल आज फिर सहरा हुआ है
किसी के काम आयेगा न अब दिल
अभी ये टूटकर बिखरा हुआ है
कहें इसको समुन्दर दर्द का क्या
अभी ये आँख में ठहरा हुआ है
ज़माने के सभी रस्ते हैं आसां
कठिन दिल का मगर रस्ता हुआ है
वफ़ा के नाम पर ‘आनन्द’ धोखा
वफ़ा के नाम पर सौदा हुआ है
– डॉ आनन्द किशोर