जवानी
अनकहे अहसासों की गुदगुदाती कहानियाँ
अनजान छुअन से जग उठने वाली सिहरन
बार-बार खुद को सवांरने की तलब
बात-बात में कातिल मुस्कान की चमक
कपोलों पर लटकते जुल्फों के छल्ले
बिना लाली के अधरों का वो सुर्ख रंग
जिंदगी की सबसे खूबसूरत रंगीनियां
ऐसी होतीं हैं जवानियाँ….
वो दर्पण में खुद को देख कर शर्माना
बारिश की बूंदों में प्रेम का अनदेखा निमंत्रण
चाँद में सनम-ए-दीदार
रुखसारों पर ढलकी हुई शबनमी पानी की बूँदे
दुपट्टे के कोने को मुँह में दबाना
वो हर बात का अंदाज रुमानियाँ
ऐसी होतीं हैं जवानियाँ….
ऐसी होतीं हैं जवानियाँ….