जला हरपल मुहब्बत में
जला हरपल मुहब्बत में मेरी साँसे महकती है
खुमारी है अजब सी ये दिल मे शोला भड़कती है
लगे हर शै नया अब तो मेरी नज़रों से तुम देखो
तेरे पहलू में आने को हरपल मेरी जां तड़पती है
– ‘अश्क़’
जला हरपल मुहब्बत में मेरी साँसे महकती है
खुमारी है अजब सी ये दिल मे शोला भड़कती है
लगे हर शै नया अब तो मेरी नज़रों से तुम देखो
तेरे पहलू में आने को हरपल मेरी जां तड़पती है
– ‘अश्क़’