जलाओ इनका भी रावण तुम
…जलाओ इनका भी रावण तुम…
सदियों से जलाते आ रहे हो रावण तुम
बुराई पर अच्छाई की जीत
पर फिर भी न ख़त्म हुई बुराई
और न ला सके समाज में अच्छाई तुम
पर्याप्त हैं धन धान्य और साधन देश में
पर व्याप्त है हर तरफ घोटाले और करप्शन
किसी दिन ऐसा भी कर डालो तुम
एक रावण इनका भी जला डालो तुम
मेहनती और ईमानदार है आदमी
पर खा गया इस देश को
रिश्वत और घूसखोरी का आलम
किसी दिन ऐसा भी कर डालो तुम
एक रावण इनका भी जला डालो तुम
देता सस्ता किसान
पर मिलता हमको महंगा अन्न
लूट रहे बिचौलिये सबसे ज्यादा धन
किसी दिन ऐसा भी कर डालो तुम
एक रावण इनका भी जला डालो तुम
सक्षम है सेना
निबट लेंगे दुश्मनों से हम
पर भरे है देश में देशद्रोही और गद्दार
हो कर एकजुट देशवासियो,
किसी दिन ऐसा भी कर डालो तुम
एक रावण इनका भी जला डालो तुम
एक से एक काबिल
और पढ़े लिखे हैं देश में नौजवान
पर चुनते लोग अनपढ़ और गंवार
एक बार चुन लो ढंग की सरकार
किसी दिन ऐसा भी कर डालो तुम
एक रावण इनका भी जला डालो तुम…..
…विनोद चड्ढा…