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12 Jun 2024 · 1 min read

जलहरण घनाक्षरी

जलहरण घनाक्षरी

प्यार बड़ा अलबेला,
प्रिय जीवन का खेला,
इसे सदा पुचकारो,
दिल से इसे सँवारो।

है स्नेहिल अनुरागी,
अति प्रिय बड़भागी,
मानवता को प्यारा है।
शीतल भव तारा है।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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