जरा सा दिल को करार दे दो
जरा सा दिल को करार दे दो
जुड़े जो दिल से वो तार दे दो
न चाहिए तुमसे कोई दौलत
हमें हमारा ही प्यार दे दो
जिये मरेंगे भी साथ हम तुम
वचन हमें एक बार दे दो
रहे न दिल ये हमारा अपना
हमें तो बस ऐसी हार दे दो
न आने दे जो कभी भी पतझड़
वो बनके सावन बहार दे दो
सजाते हैं जो हमारी यादें
वो पल हमें फिर उधार दे दो
न प्यार कम ‘अर्चना’ ये होगा
दलीलें चाहें हज़ार दे दो
24-01-2018
डॉ अर्चना गुप्ता