जरा सा ही कद क्या बड़ा हो गया
जरा सा ही कद क्या बड़ा हो गया
वो सब की नज़र में भला हो गया
अमीरी ने रिश्ते बनाये बहुत
दिलों में मगर फासला हो गया
यही ज़िन्दगी ने सिखाया हमें
तपा जो यहाँ वो खरा हो गया
दिखी भी तभी उसकी अच्छाइयां
वो जब इस जहां से विदा हो गया
धुला आंसुओं से लिखा जो पता
परेशां बहुत डाकिया हो गया
थे हम बेसहारा यहाँ ‘अर्चना’
तेरी यादों का आसरा हो गया
08-02-2018
डॉ अर्चना गुप्ता