जय मां शारदे
जय मां शारदे जय मां शारदे
अपनी वाणी से हमें तार दे
निज ध्यान धरु मैं तेरा
अपने चरणों में मुझको शरण दे।
जय जय मां शारदे जय मां शारदे..
धूमिल मन को अपनी छाया से
श्वेत हृदय इसको बना दो
अज्ञानता का अंधकार मिटाकर
सात सुरों के संगम सा महका दो।
जय मां शारदे जय मां..
मेरी वाणी को अर्थ देकर
हे वीणावादिनी
अपनी वीणा की झंकार से
इसको सजा दो
मेरे निज शब्दों को
शक्ति का रूप देखकर
भूमंडल पर इसका
परचम लहरा दो।
जय मां शारदे जय मां शारदे…
हरमिंदर कौर, अमरोहा ( उत्तर प्रदेश)