जब भी देखोगे आइना
मैं एक ऐसे समाज का हिस्सा हूँ
जिसमे नारी को गाय
गंगा और गोदावरी
माना जाता है
जिसमे माँ बहन और बेटियों
को पूजा जाता है
जिसमे लक्ष्मी
पार्वती और सीता
नारी में वास करती है
जिसमे नारी को बचाने के लिए आदमी…..
अपनी जान तक दे देता है
परन्तु आज वो समाज कहाँ है और वो समाज का
हिस्सा कहाँ है?
आज का समाज तो
नारी की इज्जत को
पल पल लूट रहा है
ऐ खाकी और सफेद पोशाक वालो…..
शर्म करो।
देश तुम्हारा अपना है
उसमे रहने वाली माँ-बहन बिटिया भी अपनी है
समय रहते बचालो अपने घर की इज्जत को
वरना वो दिन दूर नही जब कोई दरिंदा आयेगा
तुम्हारे सामने तुम्हारी माँ बहन को नोच खायेगा।
और तुम हाथ में डंडा सर पे टोपी होने के बाद भी कुछ कर नही पाओगे।
जब भी देखोगे आईना
शर्म से….
अपनी सूरत देख कर मर जाओगे
और कहोगे या मेरे मौला
ये दिन भी तुमने दिखा दिये।
शर्म करो ऐ देशवासियो
अब तो
कुछ करने की बारी है …..
दिखा दो तुम्हारे हाथों में
चूड़ी नही है।
एक बहन की राखी बांध ने वाली कलाई है।