जब बिना बात तुम मुस्कराओगे
जब बिना बात तुम मुस्कराओगे
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जब बिना बात तुम मुस्कराओगे,
यादों मे हमें हीं तुम सदा पाओगे।
जान जाने को जाये तो जाती रहे,
क्या दिल मे छुपाया जान जाओगे।
बात दिल में क्या है बताई ही नहीं,
रस्में अंतिम छिप कर निभाओगे।
पा सके न जीवन मे कोई गम नहीं,
फूल चिता पर आखिर बरसाओगे।
भूली बिसरी कहानी हुई तेरी मेरी,
प्रेमगाथा किसी को तो सुनाओगे।
खुदा की रजा में खुश है मनसीरत,
तस्वीर भीति पर हमारी सजाओगे।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)