जब तक दर्द का अहसास रहा
जब तक दर्द का अहसास रहा
रिश्ता तुमसे कुछ ख़ास रहा
हालात कभी बदले ही नहीं
पतझड़ या फिर मधुमास रहा
साथ न मेरा छोड़ोगे तुम
जाने क्यों ये विश्वास रहा
कलयुग में भी वही सूरत है
रघुवर को फिर वनवास रहा
बाक़ी काम किया क़िस्मत ने
मेरा तो सिर्फ़ प्रयास रहा