जब-जब
जब-जब (वीर रस)
जब-जब आयेंगे धरती पर,तब-तब लेंगें प्रभु का नाम।
काम करेंगे यही समझकर,ईश्वर के हैं सारे काम।
मन में प्रभु जी सदा रहेंगे,काम करेंगे हो हरि गान।
मस्ती में हर पल झूमेंगे,प्रभु चरणों में नियमित ध्यान।
सहज करेंगे सबका स्वागत,जो भी आये मिलने पास।
नहीं अनादर कभी किसी का,और नहीं होगा उपहास।
दिल दरिया के प्यार-नीर से,सदा करेंगे प्रिय सत्कार।
काम करेंगे दिल से बेहतर,खुश कर देंगे सबको यार।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।