*” जनता कर्फ्यू ‘*
जनता कर्फ्यू
प्रकृति की ओर चलो संदेश देती वसुंधरा पुकारती चली जाये।
भीड़ में खोने से अच्छा है एकांत स्थान में खो जायें।
चलो आज कुछ लम्हें सुकून का गुजार कर बितायें।
आधुनिकता की भाग दौड़ में थोड़ा सा ठहराव ले आयें।
वक्त और हालातों को सब्र कर नई दिशाओं में लेकर जायें।
चलो आज एकजुट हो अनेकता में एकता का संदेश देते जायें।
साफ सफाई अभियान चलाकर जीवन को स्वच्छ बनायें।
योगासन ,मंत्र उच्चारणों की वेद ध्वनियों से शंखनाद बजायें।
एक दूसरे के संपर्क ना रहते फिर भी परिवार संग एकजुट हो जायें।
स्वच्छ प्रकृति के शुद्ध वातावरणों में प्रदूषण रहित बन जायें।
बिना राहगीर के सड़के सुनी शहरों का रुख छोड़ गांव की नियम रीत अपनायें।
दौड़ती भागती जिंदगी थम गई बिना आवाज शोरगुल शांति का माहौल बनायें।
सेवा करने वाले लोगों का आभार व्यक्त कर ताली थाली शंख बजाकर सम्मान दिलायें।
आओ मिलकर संकल्प करें संयमित रहकर स्वच्छता अभियान चलायें।
जय हिंद वन्देमातरम