जगाओ हिम्मत और विश्वास तुम
क्यों करते हो बर्बाद समय,
सोचने में इस तरहां,
बैठकर खामोश तुम,
नहीं लगायेगा कोई तुमको,
अपना मानकर सीने से,
जगाओ हिम्मत और विश्वास तुम।
मन्दिर की चौखट पर बैठकर,
इस प्रकार याचना करने से,
इस प्रकार ऑंसू बहाने से,
निकल जायेगा समय तो,
तुमको पीछे छोड़कर,
जगाओ हिम्मत और विश्वास तुम।
अपने मन में जगाओ जोश,
बढ़ाओ अपनी किश्ती धारा में,
जलाओ चिराग तुफान में,
लगाओ पौधे मरुस्थल में,
मत बनाओ अपना घर मरघट,
जगाओ हिम्मत और विश्वास तुम।
बनाओ हार तुम कांटों को,
समझो मोती अपने ऑंसुओं को,
करो सलाम तुम जिंदगी को,
लिख दो अपना इतिहास,
और बदल दो अपनी तकदीर,
मंजिल भी करेगी तुमको सलाम,
जान है अभी तो तुम्हारे में,
जगाओ हिम्मत और विश्वास तुम।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847