*जगत का अद्भुत मधुर विधान है 【मुक्तक】*
जगत का अद्भुत मधुर विधान है 【मुक्तक】
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नदी चली लेकर मानस में सागर का सम्मान है
भरा हुआ संगीत विहग का सुरमय सुंदर गान है
पर्वत खाई बादल बूँदें जाड़ा गर्मी वर्षा
बिखरे सौ-सौ रंग जगत का अद्भुत मधुर विधान है
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश) 99976 15451