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17 Jan 2024 · 1 min read

छलावा

मिलें सबसे ही मतलब से छलवा कर रहें हैं सब
मुहब्बत है बहुत तुमसे दिखावा कर रहें हैं सब
दिखावे में ही जीते हैं दिखावे में ही मरते हैं
कोई परवाह ना इसके अलावा कर रहें हैं सब

©सुस्मिता सिंह ‘काव्यमय’

Tag: Poem
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