छलावा
मिलें सबसे ही मतलब से छलवा कर रहें हैं सब
मुहब्बत है बहुत तुमसे दिखावा कर रहें हैं सब
दिखावे में ही जीते हैं दिखावे में ही मरते हैं
कोई परवाह ना इसके अलावा कर रहें हैं सब
©सुस्मिता सिंह ‘काव्यमय’
मिलें सबसे ही मतलब से छलवा कर रहें हैं सब
मुहब्बत है बहुत तुमसे दिखावा कर रहें हैं सब
दिखावे में ही जीते हैं दिखावे में ही मरते हैं
कोई परवाह ना इसके अलावा कर रहें हैं सब
©सुस्मिता सिंह ‘काव्यमय’