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12 Mar 2023 · 1 min read

छतें बुढापा, बचपन आँगन

छतें बुढापा, बचपन आँगन
पक्की दीवारों सा यौवन।।
घर यदि बन जाए उपवन सा
क्षण-प्रतिक्षण महकेगा जीवन।।

★प्रणय प्रभात★

1 Like · 158 Views
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