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7 May 2024 · 1 min read

छंद मुक्त -गीत-अहम

छंद मुक्त गीत
अहम ना करना,गर जो खुशियों का लगा हो मेला
चमक- दमक में खोता है अक्सर दुनिया का रेला।

वक्त सगा ना किसी का हुआ सदैव तुम याद रखना
हिसाब- किताब का साॅंचा मुनीम जरा तो संभलना।

आपदा-विपदा के आगमन का भान हो जाए अगर
हो चाहे अगम सब रोक पाने में सक्षम हो जाए मगर।

दीन-हीन को अन्न-आश्रय का मिल जाए जो सहारा
दुनिया से विदा ना होगा वो गरीबी-भूखमरी से बेचारा।

यदि आसरा बनोगे किसी का भरपूर दुआएं मिलेंगी
बद्दुआएं और हाय से बदनसीबी कभी ना दूर होगी।

सोच-विचार कर लिया निर्णय पासा पलट कर देगा
बिगड़ी हुई तक़दीर भी हिम्मत -मेहनत से संवार लेगा।

अदृश्य शक्ति की आस्थाएं चमत्कार दिखाया करती
होनी-अनहोनी को टालकर वो भाग्य -रेखा बदलती ।

अक्सर दूसरे की पहचान से जो मुकाम बनाने में जुटते
अपने व्यक्तित्व की अहमियत वो खुद ही गंवाया करते ।

योगमाया शर्मा
कोटा राजस्थान

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