छंदमुक्त कविता
जिस जगह भी जाइए आप,
कुछ सिखिए सिखाइए आप।
रिश्ते कायम रहेंगा हमेंशा,
ना किसी को आजमाइए आप।
जिसकी नींव भावनाओं पर हो,
ऐसा प्यारा घर बनवाइए आप।
लोग तमाम तरह की बातें बनाएंगे,
ना दर्द दिल का सुनाइए आप।
सुख-दुख तो जीवन का हिस्सा है,
इस बात को ना भुलाइए आप।
हो जाएगा अपने जीवन में उजाला,
दूसरों के लिए दिया जलाइए आप।
नूरफातिमा खातून नूरी
जिला-कुशीनगर