चौपाई छंद गीत
गीत
चौपाई छंद गीत—-
सृजन पंक्ति- जटा-जूट में गंगा धारा
शिव भोला है कितना प्यारा ।
जटा जूट में गंगा धारा ।।
काशी नगरी शिवा विराजे ।
भक्ति भाव का डमरू बाजे ।।
पावन होता तनमन सारा ।
जटा-जूट में गंगा धारा ।।
निर्मल गंगा कलकल बहती।
चांदी के सम धार चमकती ।।
विश्वनाथ का है जयकारा ।
जटा-जूट में गंगा धारा ।।
इच्छा पूरी पल में करते ।
दुख भक्तों के सारे हरते ।।
जब मन टूटा उन्हें पुकारा ।
जटा-जूट में गंगा धारा ।।
वंदन करके रोज बुलाऊँ।
प्रेम भाव की भेंट चढ़ाऊँ ।।
बिन शिव मेरा कौन सहारा
जटा-जूट में गंगा धारा ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’