चौपाई छंद गीत
चोपाई छंद गीत
शृंगार
रस-विरह
सही नहीं अब दूरी जाती।
तेरी यादें मुझे सताती ।।
आ जाओ तुम प्रियतम मेरे।
प्राण हुए अब बस में तेरे ।।
बेबस होकर मैं घबराती ।
तेरी यादें मुझे सताती ।।
याद करूँ बरसात सुहानी।
रिमझिम बरसा था जब पानी।।
मिलने को थी भागी आती।
तेरी यादें मुझे सताती ।।
बैरन बरखा मुझे रुलाती ।
बिरहन रहती सदा बुलाती।।
आँखे मेरी नीर बहाती ।
तेरी यादें मुझे सताती ।
तारे गिन गिन रैन गुजारे
नैन लगे हैं रहते द्वारे ।।
सुध बुध मेरी खोती जाती।
तेरी यादें मुझे सताती ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’