चौपाई छंद गीत
गीत
विषय -कैसे भूलूँ संग तुम्हारा
चौपाई छंद गीत
शृंगार रस-वियोग*
तुम बिन मेरा नहीं गुजारा ।
कैसे भूलूँ संग तुम्हारा ।।
जब होता था तुमसे मिलना ।
चाहा मन कलियों सा खिलना ।।
प्रियतम तुझमें ही जग सारा ।
कैसे भूलूँ संग तुम्हारा ।।
था तेरी गलियों का डेरा ।
लगता ज्यूँ देवालय फेरा ।।
जाऊँ कैसे वहां दुबारा।
कैसे भूलूँ संग तुम्हारा ।।
खिड़की तेरे घर की खुलती।
उर में लाखों टीसें उठती ।।
बहती आँखों से जल धारा ।
कैसे भूलूँ संग तुम्हारा ।।
तड़प हृदय की किसे दिखाऊँ।
सबसे अपने नयन छिपाऊँ ।।
तन मन सारा तुम पर वारा ।
कैसे भूलूँ संग तुम्हारा ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’