चौपाई छंद गीत
चोपाई छंद गीत
16/16मात्रा
विधा – शृंगार रस – वियोग
सृजन शब्द – सावन
याद पिया तुम मुझको आते।
सावन में नभ बादल छाते ।।
मुश्किल मेरा पल पल कटता ।
मन प्यासा का प्यासा रहता ।।
सपने तेरे नींद चुराते ।
सावन में नभ बादल छाते ।।
कोयल की वाणी भी चुभती ।
हूक विरह की उर में उठती ।।
काले अम्बुद रोज डराते ।
सावन में नभ बादल छाते ।।
नैना मेरे निशदिन तरसे ।
कभी प्रीत के घन थे बरसे।।
बाहों के घेरे थे भाते ।
सावन में नभ बादल छाते ।।
अब आ जाओ साजन प्यारे ।
बिरहन तकती रहती द्वारे ।।
बिन तेरे ना अब सुख भाते ।
सावन में नभ बादल छाते ।।
सीमा शर्मा ‘ अंशु’