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17 Nov 2024 · 1 min read

चौपाई छंद गीत

चौपाई छंद गीत—-
सृजन पंक्ति- पुष्कर जी का मेला लगता ।

पापों का है नाशी बनता ।
पुष्कर जी का मेला लगता ।।

कार्तिक पूनम पुष्कर जाओ।
सुबह स्नान कर पुण्य कमाओ।।
कष्टों को खुद ब्रह्मा हरता ।
पुष्कर जी का मेला लगता ।।

हरियाणा में अब तुम आओ ।
हस्त शिल्प की शोभा पाओ ।।
अलग विषय का सृजन करता।
सूर्य कुंड का मेला लगता ।।

यूपी की अब टिकट कटाओ ।
आकर त्रिवेणी पाप भगाओ ।।
वेणी माधव धरा उतरता ।
कुम्भ माघ का मेला लगता ।।

महातीर्थ में होती गिनती ।
गंगा है सागर में मिलती ।।
हुबली का तट पावन बनता ।
गंगा सागर मेला लगता ।।

सीमा शर्मा ‘अंशु’

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