चेतना की उड़ान
उठाते रहो तुम अपनी आवाज़!
सुने ना सुने देश और समाज!!
कम से कम तुम्हारी चेतना तो
ले सकेगी एक ऊंची परवाज़!!
Shekhar Chandra Mitra
उठाते रहो तुम अपनी आवाज़!
सुने ना सुने देश और समाज!!
कम से कम तुम्हारी चेतना तो
ले सकेगी एक ऊंची परवाज़!!
Shekhar Chandra Mitra