चुनौती
यह जिंदगी चुनौतियों से भरी
आज ये प्रचारणा तो कल वो
एक – दो न ही सौ – हजार
जब तक हम, तब तक धौंस
मृत्यु के बाद खत्म आह्वान ।
निष्कर्ष करेंगे हम प्रवाद का
करके जनश्रुति स्वीकार हम
इसका हम निकालेगे निष्कर्ष
खुश होंगे फिर आएगी प्रवाद
मृत्यु के बाद खत्म आह्वान ।
चाहे कोई भी आ जाए जग में
उत्तम -अधम कैसा भी हो नर
बिन किंवदंती के जी न सकता
निष्कर्ष निकाल के रहेंगे हर्ष से
मृत्यु के पश्चात अव्यक्त आह्वान ।
इस भोली – भाली सी हयात में
चुनौतियां तो आते- जाते रहते
इस अनोखी सी जग, संसार में
उत्तेजना मुकम्मल न होती यहां
काशीवास के बाद खत्म चुनौती ।