चितौड़ में दरबार डोकरी
चितौड़ में दरबार डोकरी
बैठी भुजा पसार डोकरी
आवै हंस असवार डोकरी
भगतां वाळी लार डोकरी
छैकी लेजै सार डोकरी
वैगी चढ़जै वार डोकरी
सुणनै म्हारी पुकार डोकरी
करजै मत अंवार डोकरी
भुजा थ्हांरै हजार डोकरी
मेंटै सगळो भार डोकरी
अबके लेय उबार डोकरी
भवसागर सू तार डोकरी
अटकूं नी मझधार डोकरी
पल में करजै पार डोकरी
दुसमी अळगां ठार डोकरी
सत री खांचै कार डोकरी
थ्हांरो हैं आधार डोकरी
सुपणां कर साकार डोकरी
दोष अवगुण मार डोकरी
कूड़ कपट नै खार डोकरी
काम क्रोध अहंकार डोकरी
न्हांखै सगळा बार डोकरी
दूर कर अंधार डोकरी
हिवड़ा मांय उजार डोकरी
दया चित में धार डोकरी
जितू करे जै कार डोकरी
ऊभौ थ्हांरै द्वार डोकरी ।।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️