*चिट्ठी 【कुंडलिया】*
चिट्ठी 【कुंडलिया】
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जाने कौन कहाँ गया ,पोस्टकार्ड का दौर
करते लेटर बॉक्स पर ,सारे जन थे गौर
सारे जन थे गौर ,कलम कागज पर चलती
हर अक्षर में भाव ,एक आकृति थी ढलती
कहते रवि कविराय , पत्र जो हुए पुराने
चिट्ठी अब अनमोल ,पारखी कीमत जाने
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451