चाहत
यादें तो है, मगर छुपा लेते हैं,
सपनों में तो हो , पर देखने के लिए सोते नहीं है,
उनकी यादें बोलती तो है , मगर होठों को सी लेते हैं,
क्या करें मिलने की ख्वाहिश तो है,
मगर किसी का फरमान समझ कर इरादे को छोड़ देते हैं….
उमेंद्र कुमार
यादें तो है, मगर छुपा लेते हैं,
सपनों में तो हो , पर देखने के लिए सोते नहीं है,
उनकी यादें बोलती तो है , मगर होठों को सी लेते हैं,
क्या करें मिलने की ख्वाहिश तो है,
मगर किसी का फरमान समझ कर इरादे को छोड़ देते हैं….
उमेंद्र कुमार