“चार दिन की चांदनी है दोस्तों।
“चार दिन की चांदनी है दोस्तों।
ज़िन्दगी दरअस्ल काली रात है।।
बस क़लम को रोशनाई चाहिए।
ख़ून मिल जाए तो फिर क्या बात है।।”
👌प्रणय प्रभात👌
“चार दिन की चांदनी है दोस्तों।
ज़िन्दगी दरअस्ल काली रात है।।
बस क़लम को रोशनाई चाहिए।
ख़ून मिल जाए तो फिर क्या बात है।।”
👌प्रणय प्रभात👌