Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2017 · 1 min read

चलो री सखी…

चलो री सखी….
………………………………..

चलो री सखी मीलजुल छेड़े आज
मीलजुल छेंड़े, मिलजुल छेड़े -2
मीलजुल छेड़े आज

कृष्ण मुरारी नंद के लाला
है रसिया वो बंशी वाला
गईया चरावन जाय
चलो री सखी……. छेड़े आज।

गोबर्धन धारी गीरधारी
नाग नथईया श्याम बिहारी
वो यशोदा के लाल,
चलो री सखी …………. छेड़े आज।

मंद -मंद सखी वो मुस्काये
मुरली मधुर धुन श्याम बजाये
मुग्ध है गोकुल धाम,
चलो री सखी…………छेड़े आज।

मुरली मधुर धुन श्याम बजाए
राधा मन भावे हर्षाये
वह राधे का श्याम
चलो री सखी……..छेड़ें आज।

वो बृज में अति प्यारा दुलारा
द्रौपदी लाज का वो रखवाला
दुखहर्ता घनश्याम
चलो री सखी………..छेड़े आज।

माखनचोर है मेरो कन्हैया
उसके धुन पर नाचती गैय्याँ
नाचे ब्रज की नार
चलो री सखी…………छेड़ें आज।

छमछम छम – छम नाचतीं गैय्याँ
नाच रहा बलदाऊ भैया
नाचे देवकी लाल
चलो री सखी ……………..छेड़ें आज।

एक हाथ प्रभु मुरली मोहे
दूजे चक्रसुदर्शन सोहे
कंस हते भगवान,
चलो री सखी मिलजुल छेड़ें आज।

श्याय रंग है कृष्ण का प्यारा
“सचिन”को है प्रभु तेरो सहारा
कृपा करो घनश्याम
चलो री सखी मिलजुल छेड़ें आज।
…..
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
11/11/2017

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 643 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

पिता प्रेम
पिता प्रेम
Jalaj Dwivedi
*धन्य-धन्य वे जिनका जीवन सत्संगों में बीता (मुक्तक)*
*धन्य-धन्य वे जिनका जीवन सत्संगों में बीता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
शोर बहुत करती हैं,
शोर बहुत करती हैं,
Shwet Kumar Sinha
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
देशभक्ति कविता
देशभक्ति कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
काया   की   प्राचीर  में,
काया की प्राचीर में,
sushil sarna
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
কেমেৰা
কেমেৰা
Otteri Selvakumar
मिनखपणौ
मिनखपणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Rahul Singh
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2482.पूर्णिका
2482.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आप, मैं और एक कप चाय।
आप, मैं और एक कप चाय।
Urmil Suman(श्री)
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
लक्ष्य गर समक्ष है तो
लक्ष्य गर समक्ष है तो
अर्चना मुकेश मेहता
सुख भी चुभते हैं कभी, दुखते सदा न दर्द।
सुख भी चुभते हैं कभी, दुखते सदा न दर्द।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"हासिल"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं हूँ आज यहाँ दूर
मैं हूँ आज यहाँ दूर
gurudeenverma198
मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
Mukesh Kumar Sonkar
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
*शिक्षक हमें पढ़ाता है*
Dushyant Kumar
मैं खुद से कर सकूं इंसाफ
मैं खुद से कर सकूं इंसाफ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आत्महत्या के पहले
आत्महत्या के पहले
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
Piyush Goel
हार का पहना हार
हार का पहना हार
Sandeep Pande
*
*"सीता जी का अवतार"*
Shashi kala vyas
सु
सु
*प्रणय*
Loading...