चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
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चलती जग में लेखनी , करती रही कमाल
जिसने जो कुछ लिख दिया ,जिंदा सौ-सौ साल
जिंदा सौ – सौ साल , नहीं अक्षर हैं मरते
कागज कलम किताब ,क्रांति दुनिया में करते
कहते रवि कविराय ,अग्नि ज्वाला ज्यों जलती
ईंधन समझो भाव , लेखनी लेकर चलती
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451