घर
मुझे मालूम नहीं
जहाँ मैं रहता हूँ
वह घर है या मकान!
यों तो लोग रहते है
पर एक दूजे से अनजान,
सब कुछ है फिर भी
लगता है सब बेजान,
जहाँ मिट्टी की है कदर
इंसान का नहीं सम्मान,
ऐसा हाल है वहाँ
मैं कैसे करूँ बखान,
दोस्तों तुम्हीं बताओ
उसे घर कहूँ या मकान?