घडी़ की टिक-टिक⏱️⏱️
घडी़ की टिक-टिक भी,
हमें बहुत कुछ सिखलाती है,
जीवन की चिक-चिक में,
चलना बतलाती है ।
रुकना ना जिंदगी की दौड़ में कभी,
भटकना मत भौतिक चकाचौंध मैं ।
वक्त के साथ कदम मिलाकर,
चलना सिखलाती है।
आऐंगे जीवन में अवरोध बहुत,
घबराना न मुश्किलों में कभी ।
जीवन में नित नये संघर्ष खडे़ ,
कर विवेक का उपयोग सही ।।
टिक-टिक की तरह ठहर क्षण भर,
नये उत्साह से फिर आगे बढ़ ।
दूर हो जाऐगी व्याधियां सारी,
साहस, संयम से आगे बढ़ ।।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)