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20 Jan 2023 · 1 min read

घट (कुंडलिया)*

घट (कुंडलिया)*
________________________________
घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद
छूटा घट तो मोक्ष वह , पाता उसके बाद
पाता उसके बाद , कलुष मन के मिट जाते
आत्मा सब में एक , समझ कम ही यह पाते
कहते रवि कविराय , मृत्यु आ जाती चटपट
लंबी-चौड़ी देह , एक भर लेता है घट
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
घट = कलश ,घड़ा ,देह, शरीर
~~~~~~~~~~`~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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