” ग्लोबल वार्मिंग “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
————————
सम्मेलन फिर चल पड़ा
मौसम बदलने का
धरती के तापमान को
कम करने का !
कार्बन के उत्सर्जन पर
अंकुश लगाना है !
अपनी धरा को
संतुलित बनाना है !!
सब अपनी-अपनी
बातें लोगों को बताते हैं ,
और दोष एक दूसरे पर लगते हैं !!
विकसित देशों का
विकासशील देशों से
छिड़ गयी जंग ,
कैसे निभेगा इनका यह संग ?
बात वही फिर दुहरायी जायेगी
समस्या फिट भी ना सुलझ पायेगी !!
हमने चर्चा की
चिंघाड़ा ,चिल्लाया
अपनी बातें लोगों को बताया !
अपनी उपलब्धियों का
पैतरा सबको दिखाया !!
पर इस नोटंकी से
बात नहीं बनती है !
चाहत ,लगन और धैर्ज से
मंजिल मिल जाती है !!
है किसे चिंता विनाशलीला की ?
हम बोलते हैं बहुत पर
करते हैं बहुत कम !
पहले तो हमें सोचना है
आज यदि हम कुछ ना
कर सके तो
आजन्म हमको रोते रहना है !!
————————————–
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लीनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत