गुलशन के बीच रहकर भी
गुलशन के बीच रहकर भी
जो गुलशन की बात न करे
गुल, गुलशन और गुलफाम से
इश्क, मोहब्बत और प्यार न करे तो
ऐसे जाहिल इंसान का तो
इस दुनिया में जन्म लेना ही
फिजूल हुआ
कांटो के बीच जो खेले
कांटो के बीच पले
फूले फले और
बढ़े
ऐसे हरजाई का तो
मोहब्बत का सफर
नफरत से भरा
हरदम ही दुश्वार हुआ।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001