Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2022 · 1 min read

गुरु के अनेक रूप

संतान जब जन्म ले ,
तब माता होती उसकी प्रथम गुरु ।
माता संस्कार सिखाती अपने संतान को ।
संतान जब कुछ बड़ी हो जाए ,
तो पिता होते द्वितीय गुरु ,
जो दुनियादारी सिखाते संतान को ।
संतान जब किशोरावस्था में जाए,
तो शिक्षक होते तृतीय गुरु ,
शिक्षण निपुण बनाते आत्मनिर्भरता हेतु शिष्य को ।
वैसे तो जीवन भर इंसान सीखता ही रहता है ,
समय और परिस्थितियां होती है
मनुष्य की चतुर्थ गुरु।
जो परिपक्व बनाती मनुष्य को ।
प्रकृति और पर्यावरण है मनुष्य की अंतिम गुरु ,
जो उसे प्रकृति के सभी अंश ,
जड़ चेतन ,जीव जंतु और अन्य मनुष्यों के संग ,
समरसता से जीना सिखाती ।
और अंत में उसकी अंतिम यात्रा में भी साथ रहती ।
इस पर प्रकार मनुष्य जीवन जन्म से मरण तक ,
गुरु जैसी शाश्वत और महान विभूति पर निर्भर है ।
चाहे वोह किसी भी रूप में हो ,
वंदनीय है आदरणीय है ।
गुरु महान है ।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 802 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
देशभक्ति का राग सुनो
देशभक्ति का राग सुनो
Sandeep Pande
अभी सत्य की खोज जारी है...
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'
बदले-बदले गाँव / (नवगीत)
बदले-बदले गाँव / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
Ram Krishan Rastogi
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
संघर्ष
संघर्ष
Sushil chauhan
*प्रेम भेजा  फ्राई है*
*प्रेम भेजा फ्राई है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम बेजान हैं।
हम बेजान हैं।
Taj Mohammad
आउट करें, गेट आउट करें
आउट करें, गेट आउट करें
Dr MusafiR BaithA
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
जाने दिया
जाने दिया
Kunal Prashant
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
उन वीर सपूतों को
उन वीर सपूतों को
gurudeenverma198
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
Piyush Goel
■ साल चुनावी, हाल तनावी।।
■ साल चुनावी, हाल तनावी।।
*Author प्रणय प्रभात*
*मिलते जीवन में गुरु, सच्चे तो उद्धार【कुंडलिया】*
*मिलते जीवन में गुरु, सच्चे तो उद्धार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
"राज़-ए-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"डूबना"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
Subhash Singhai
🌱कर्तव्य बोध🌱
🌱कर्तव्य बोध🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मातृभाषा हिन्दी
मातृभाषा हिन्दी
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
Transparency is required to establish a permanent relationsh
Transparency is required to establish a permanent relationsh
DrLakshman Jha Parimal
2822. *पूर्णिका*
2822. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आसमाँ के अनगिनत सितारों मे टिमटिमाना नहीं है मुझे,
आसमाँ के अनगिनत सितारों मे टिमटिमाना नहीं है मुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Loading...