गीत10
गीत
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पता नहीं क्या होगा ,
मेरे मर जाने के बाद ।।
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रातें होंगीं या दिन होगा ,
या फिर बरफ गिरेगी ।
तोड़ेगी सीमाएँ नदिया ,
या फिर नाव तिरेगी ।
पता नहीं क्या होगा ,
बादल घिर जाने के बाद ।।
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चन्दन की खुशबू होगी ,
या हवन धूम फैलेगा ।
पानी बचा रहेगा या फिर ,
गगन रोज दहलेगा ।
पता नहीं क्या होगा ,
सूरज ढल जाने के बाद ।।
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दिन डूबेंगे साँझ घिरेगी ,
या चंदा चमकेगा ।
रोते चेहरों पर कोई फिर ,
नवल तेज दमकेगा ।
पता नहीं क्या होगा ,
जल में सिर जाने के बाद ।।
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©श्याम सुंदर तिवारी