गीत09
गीत
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फूल हैं नकली जलेंगे पाँव तितली ।।
छूटते उम्मीद के
सारे ठिकाने
मिलो जिससे भी
बनाता है बहाने
अब नहीं है बाग अपना गाँव तितली ।।
ढूँढ़ ‘पीपल’ दूर
देगा श्वास-जीवन
तोड़ दे भ्रम त्याग कर
यह मोह-दामन
चल न जाए धूम का फिर दाँव तितली ।।
आस रखना सुबह की
बच कालिमा से
जोड़ हिम्मत मिलन
होगा लालिमा से
धैर्य रख फिर से मिलेगी छाँव तितली ।।
श्याम सुंदर तिवारी