गीत08
गीत
——————;——-
आओ मीठा गीत लिखें ।।
🌹
जीवन में कितना तनाव है ,
डूब रहा हर एक भाव है।
बदले तेवर रूखी भाषा ,
बदले संस्कार परिभाषा ।
तपता अपनापन रेतीला ,
मन के माथे शीत लिखें ।।
🌹
अंधियारों के ऊँचे पर्वत ,
कपट कलुष सब हंस बने ।
सम्बन्धों की नावें जर्जर,
काग चुग रहे तले चने ।
वातायन पर बुला किरन को ,
रंग आँगना पीत लिखें ।।
🌹
तालों के पाँवों में बेड़ी ,
माँगे सरिता भीख दया की।
आंखों के पानी में डुबकी ,
लगा रही है दृष्टि हया की ।
रोते अंजन आदर्शों के ,
हिरन समय कब जीत लिखें ।।
🌹🌹
©श्याम सुंदर तिवारी