गीत
हो गई हर्षित धरा
झूम कर नाचा पवन
खिड़कियाँ सब खुल गईं..
बादलों ने पाँव फेरे,, आज मौसम में..
झुक गए हैं वृक्ष सब
धूल उड़ती हर तरफ
हर नदी चंचल हुई
बादलों ने पाँव फेरे,, आज मौसम में..
बूढ़ा पीपल मगन है
नीम भी हर्षाया है
टहनियाँ हिल मिल गईं
बादलों ने पाँव फेरे,,आज मौसम में…
दामिनी दमक उठी
प्रकृति चमक उठी
गाँठ मन की खुल गई
बादलों ने पाँव फेरे,, आज मौसम में…
सब्र के टूटे हैं बाँध
बहे झर झर मिलन अश्रु
आपदाएं टल गईं
बादलों ने पाँव फेरे,, आज मौसम में…