गीत
आन के जियान कके, काटs जनि चानी
सुतरि जाई जहिये, उतरि जाई पानी
चाभत रहे दही रोज चभकल बिलरिया
लबदा से भेंट भइल छटकल गतरिया
आ गइल इयाद ओ बिलरिया के नानी
सुतरि जाई जहिये, उतरि जाई पानी
चुअला से तरकुल जो माथा कुँचइहें
फिर से सियार नाहीं ताड़े तर जइहें
बिसरी ना तरकुल के हँइचल निसानी
सुतरि जाई जहिये, उतरि जाई पानी
दुसरा में चोरी से जाल जनि फेकs
अवधू हो आपन पोखरिया तू छेंकs
गिरो जनि तहरे मछरिया पर घानी
सुतरि जाई जहिये, उतरि जाई पानी