गीत
#कृष्ण- भजन
तर्ज- लिखे जो ख़त तुझे, वो तेरी याद में
पुकारा जब तुम्हें
किसी भी नाम से
चले आए श्याम
दुआएं सुन यहां
मुरारी जो कहा
तो आ गये यहां
गोपाल जो कहा
तो आ गये यहां
मोहक मुस्क़ान उर माला, मुकुट मोर पंखों वाला
बजाते हो मधुर बंशी, पितांबर है गले डाला
जगद्गगुरु तुम प्रजापति तुम, इलापति तुम नंदलाला
बड़े नटखट बड़े चात्तुर, सलौने हो मदन माधव
हृदय-प्रेमी मीत प्यारे, संहारे तूने ही दानव
तुम्हीं गिरधर तुम्ही कान्हा, कोई कहता तुम्हें केशव
राधा के हो श्याम तुम ही, मीरा के हो तुम्हीं मोहन
रुकमणि के हो कृष्ण तुम ही, गोपीश्वर हो नंदनंदन
गोविंदा हो तुम्हीं योगी, ज्ञानेश्वर तुम कंजलोचन
#आर.एस. ‘प्रीतम’