गीत मेरे तुम मेरी ग़ज़ल हो जाओ तो कोई बात बने
गीत मेरे तुम मेरी ग़ज़ल हो जाओ , तो कोई बात बने
गीतों को ग़ज़ल करने की रही , बरसों तमन्ना मेरी
गीत मेरे तुम ग़ज़ल हो जाओ , तो कोई बात बने
चंद रिश्तों से रोशन , नहीं होती दुनिया
रिश्तों को समंदर रोशन हो , तो कोई बात बने
सपनों को गर मंजिल , नसीब न हो तो क्या हो
सपनों मेरे तुम मेरी मंजिल हो जाओ , तो कोई बात बने
इंसानियत के रखवालों से , काफूर होती दुनिया
ये दुनिया इंसानियत के मददगारों से रोशन हो जाए , तो कोई बात बने
यूं ही नहीं बेमतलब होता , कोई किसी का हमसफ़र
ये दुनिया प्यार के रखवालों से रोशन हो जाए , तो कोई बात बने
चंद आशारों से पूरी नहीं होती , खुदा की इबादत
खुदा का एक इबादतनामा जो रोशन हो जाए , तो कोई बात बने
दिल के गम दिल में छुपाकर , जिया नहीं करते
गम के खरीदारों से ये दुनिया रोशन हो जाए , तो कोई बात बने
इस दुनिया में कहानी—किस्सा न बनकर , रह जाए ये जिन्दगी
ये जिन्दगी उस खुदा की अमानत हो जाए , तो कोई बात बने