Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦

ग़ज़ल
बह्र…212 212 212 212,,
💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦
1,,
शबनमी अश्क़ , भीगी हुई रात में ,
मुस्कुराने लगे , बात ही बात में ।
2,,
सुरमई रौशनी , पास आने लगी ,
चाँद की हो गई , इक मुलाक़ात में ।
3,,
ओस इतरा रही थी , गुलाबों पे भी ,
भीगती ही रही , खूब बरसात में ।
4,,
पल में इस शाख पे, पल में उस शाख पर,
चाल चलती रही , जीत में मात में ।
5,,
जानना है मुझे , तुम बताओ अगर ,
ज़ात तेरी मिली , क्यूं मेरी ज़ात में।
6,,
रब के महबूब से ,जब मुहब्बत हुई,
लुत्फ़ आने लगा, “नील” को नात में ।

✍️नील रूहानी,, 07/06/2024,,,,💦
💦 ( नीलोफर खान)💦

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Let love shine bright
Let love shine bright
Monika Arora
पापियों के हाथ
पापियों के हाथ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*तुम न आये*
*तुम न आये*
Kavita Chouhan
3025.*पूर्णिका*
3025.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ दोहा देव दीवाली का।
■ दोहा देव दीवाली का।
*प्रणय प्रभात*
प्रेम में मिट जाता है, हर दर्द
प्रेम में मिट जाता है, हर दर्द
Dhananjay Kumar
*नव संसद का सत्र, नया लाया उजियारा (कुंडलिया)*
*नव संसद का सत्र, नया लाया उजियारा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शहर के लोग
शहर के लोग
Madhuyanka Raj
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
Phool gufran
नया दिन
नया दिन
Vandna Thakur
अक्सर यूं कहते हैं लोग
अक्सर यूं कहते हैं लोग
Harminder Kaur
@घर में पेड़ पौधे@
@घर में पेड़ पौधे@
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"जुबां पर"
Dr. Kishan tandon kranti
तुमको अच्छा तो मुझको इतना बुरा बताते हैं,
तुमको अच्छा तो मुझको इतना बुरा बताते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता
कविता
Rambali Mishra
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"" *गीता पढ़ें, पढ़ाएं और जीवन में लाएं* ""
सुनीलानंद महंत
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
* बेटियां *
* बेटियां *
surenderpal vaidya
भूल चुके हैं
भूल चुके हैं
Neeraj Agarwal
!! चुनौती !!
!! चुनौती !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
हरवंश हृदय
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
Subhash Singhai
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Time and tide wait for none
Time and tide wait for none
VINOD CHAUHAN
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
DrLakshman Jha Parimal
Loading...