ग़ज़ल _ मुकद्दर की पहेली 🥰
दोस्तों आदाब ,,
दिनांक ,,,09/07/2024
बह्र …1222 – 1222 – 1222 – 1222,,,بہر
काफ़िया,,,,आने *** रदीफ़,,,,कहाँ जाएँ !!
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💕 ग़ज़ल
1…
मुक़द्दर की पहेली यार सुलझाने कहाँ जाएँ !
मुहब्बत के दिवाने अब ज़हर खाने कहाँ जाएँ !!
2…
शराबें हो गयीं मंहगी, अभी है जेब भी खाली !
उधारी में नहीं मिलती ,बता लाने कहाँ जाएँ !!
3…
सभी खाते दिखाने के, नहीं उसमें रहा है कुछ !
कभी मांगे, इधर को हाथ फैलाने कहाँ जाएँ !!
4…
बहुत गुस्सा करे बीवी ,खता उसकी नहीं है कुछ !
न आती नींद खाली पेट बतलाने कहाँ जाएँ !!
5….
लगे क़ानून पर ताले , हुई सरकार बहरी भी !
न रोटी है न रोज़ी है, दवा लाने कहाँ जाएँ !!
6…
पढ़ाने से नहीं अब फायदा कुछ देश का होगा !
हुनर अब सीख लें बच्चे ,ये समझाने कहाँ जाएँ !!
7…
दुखी हालात बदलें तो ,नज़र आयें सभी को हम !
हवेली ‘नील’ बोसीदा , खुदा जाने कहाँ जाएँ !!
✍नील रूहानी,,03/07/22,,,,💖
🤔( नीलोफर खान ),,🤔
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