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21 Jun 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _ थोड़ा सा मुस्कुरा कर 🥰

एक ताज़ा ग़ज़ल,आपकी नज़र 🌺💖
बह्र…..221 2122 221 2122
#ग़ज़ल
1,
थोड़ा सा मुस्कुराकर, वापस गया इधर से,
दीदार यूँ करा कर , वापस गया इधर से ।
2,
रफ़तार जिन्दगी की, रुकती नहीं कभी भी,
पल भर को कौन आकर,वापस गया इधर से ।
3,
देखा जो महजबीं को, गुलपोश नाज़नीं को,
खुद होश सारे खोकर , वापस गया इधर से ।
4,
दीवानगीv की बातें , सुनता है कब ज़माना ,
आख़िर को दिल लुटा कर,वापस गया इधर से।
5,
मर मर के जी रहा था तकलीफ़ इस क़दर थी ,
साक़ी इलाज पा कर , वापस गया इधर से।
6,
वो बदनसीब था जो ,आया खुशी खुशी था ,
दुनिया के दर्द सह कर वापस गया इधर से ।
7,
शुहरत का था नशा जब,दुनिया ही तब अलग थी,
क्यों “नील” पास आकर , वापस गया इधर से ।

✍नील रूहानी,,, 21/06/2024,,,
( नीलोफर खान)

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